लेकसिटी को वाइल्डलाइफ टूरिज्म में मिलेगी नई पहचान, 1.70 करोड़ की लागत से बन रहा विशेष एनक्लोजर
रिपोर्ट-तोषिका साहू
उदयपुर।
लेकसिटी उदयपुर के वाइल्डलाइफ प्रेमियों और पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य के इतिहास में पहली बार राजस्थान को जिराफ का तोहफा मिलने जा रहा है। सज्जनगढ़ बायो पार्क में अगले साल मार्च तक जिराफ का जोड़ा लाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसके लिए पार्क प्रबंधन ने गेट नंबर 3 के पास करीब 3 बीघा क्षेत्र में जिराफ का विशेष एनक्लोजर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस परियोजना पर लगभग 1.70 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वन विभाग ने बताया कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में निर्माण कार्य का टेंडर जारी कर दिया जाएगा। निविदा शर्तों के अनुसार छह माह में पूरा काम पूरा करना अनिवार्य होगा। इस लिहाज से मार्च 2026 तक एनक्लोजर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इसके बाद एनीमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत देश के अन्य बड़े चिड़ियाघरों से जिराफ का जोड़ा उदयपुर लाया जाएगा। इसके बदले में सज्जनगढ़ बायो पार्क से अन्य वन्यजीव उपलब्ध कराए जाएंगे।

61 हजार वर्ग फीट का होगा डिस्प्ले एरिया
सज्जनगढ़ बायो पार्क में बनने वाले जिराफ एनक्लोजर को लेकर विभाग ने बड़ा खाका तैयार किया है। कुल 61 हजार वर्ग फीट क्षेत्र को डिस्प्ले एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें से 15 हजार वर्ग फीट क्षेत्र होल्डिंग एरिया रहेगा, जहाँ रात के समय जिराफ को सुरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा पर्यटकों के लिए 9 फीट चौड़ा और 450 मीटर लंबा पाथवे बनाया जाएगा, ताकि लोग सुरक्षित दूरी से इन दुर्लभ वन्यजीवों को निहार सकें।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
वन विभाग का कहना है कि जिराफ का जोड़ा उदयपुर और पूरे राजस्थान के वाइल्डलाइफ टूरिज्म को नई पहचान देगा। अब तक प्रदेश के पर्यटक दिल्ली, मैसूर या अन्य राज्यों के जू में जिराफ देखने जाते थे, लेकिन मार्च 2026 के बाद लेकसिटी आने वाले सैलानी यहाँ भी जिराफ को देख सकेंगे। विभाग का मानना है कि यह आकर्षण न केवल स्थानीय बल्कि देशभर के पर्यटकों को भी उदयपुर खींच लाएगा।
नया जीवंत पर्यटन केंद्र बनेगा बायो पार्क
सज्जनगढ़ बायो पार्क पहले से ही उदयपुर के पर्यटन मानचित्र पर खास जगह बना चुका है। मगर जिराफ की एंट्री इसे राज्य के सबसे बड़े और विशेष वन्यजीव पर्यटन स्थल में बदल देगी। पर्यटक यहाँ पर बाघ, शेर, भालू, हाइना जैसे वन्यजीव देखने के साथ अब अफ्रीकी महाद्वीप के लंबे कद वाले इस अनोखे जीव का दीदार भी कर सकेंगे।
वन विभाग का मानना है कि यह प्रोजेक्ट सज्जनगढ़ बायो पार्क को एक नई पहचान देगा और यहाँ आने वाले पर्यटकों के अनुभव को और ज्यादा रोमांचक बनाएगा।