गीतांजली हॉस्पिटल की बड़ी उपलब्धि: 5 साल के ‘शांत दौरों’ से मिली मुक्ति, सफल ऑपरेशन से लौटी नई रोशनी

रिपोर्टर- मनीष पानेरी

उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल ने न्यूरोलॉजी क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण सफलता दर्ज की है। सिरोही के 27 वर्षीय युवक को पिछले पांच वर्षों से “शांत दौरे” (Silent Seizures) की समस्या थी। लगातार उपचार के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था, जिसके बाद परिजन बेहतर इलाज की तलाश में उदयपुर स्थित गीतांजली हॉस्पिटल पहुंचे।

वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट एवं एपिलेप्टोलॉजिस्ट डॉ. अनीस जुक्कारवाला ने मरीज की विस्तृत जांच कराई, जिसमें 3 Tesla MRI, वीडियो EEG और PET-CT जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया। जांच में पता चला कि दौरों का स्रोत दिमाग के लेफ्ट मीडियल टेम्पोरल रीजन में है। न्यूरोसाइकोलॉजिकल मूल्यांकन के बाद सर्जरी को सुरक्षित एवं संभव माना गया।

गीतांजली की अनुभवी न्यूरोसर्जरी टीम ने सावधानीपूर्वक एपिलेप्सी सर्जरी कर मरीज को पांच साल पुराने कष्ट से राहत दिलाई। खास बात यह रही कि MRI में कोई स्पष्ट असामान्यता दिखाई नहीं देने के बावजूद उन्नत तकनीकों की मदद से सटीक लोकेशन का पता लगाया गया, जो अस्पताल की विशेषज्ञता और तकनीकी दक्षता को दर्शाता है।

परिजनों के अनुसार, मरीज को हर महीने 2–3 बार खामोश दौरों का सामना करना पड़ता था। दौरे के दौरान वह कुछ मिनटों के लिए अचेत सा हो जाता, हाथ-पैर अनजाने में हिलने लगते और कई बार गर्म वस्तुएं छू लेने या रास्ते में रुकावट न दिखने के कारण चोटिल भी हो जाता था।

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य दिनचर्या निभा रहा है। यह सफलता एपिलेप्सी के जटिल मामलों के उपचार में गीतांजली हॉस्पिटल की क्षमता को और मजबूत बनाती है।

आपके लिए हालिया खबरें