रिपोर्टर- तोषिका साहू
उदयपुर।
29 अक्टूबर यानी विश्व लकवा दिवस के मौके पर राजस्थान से चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। उदयपुर के पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के वरिष्ठ इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि प्रदेश में हर साल लगभग सवा लाख लोग स्ट्रोक यानी लकवे की चपेट में आ रहे हैं।

डॉ. वाजपेयी के अनुसार, स्ट्रोक दरअसल एक ब्रेन अटैक है — यह दिल के दौरे की तरह ही मस्तिष्क पर अचानक हमला करता है और कुछ ही मिनटों में जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले इसे बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब तनाव, हाई बीपी, मधुमेह, धूम्रपान और असंतुलित जीवनशैली के कारण युवा वर्ग भी बड़ी संख्या में इसकी गिरफ्त में आ रहा है।
उन्होंने बताया कि अगर समय पर उपचार मिल जाए तो मरीज की जान और जीवन दोनों बचाए जा सकते हैं। स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। इसके लिए उन्होंने BE FAST फॉर्मूला बताया —
B यानी Balance (अचानक संतुलन बिगड़ना),
E यानी Eyes (धुंधला या दोहरा दिखना),
F यानी Face (चेहरे का टेढ़ा होना),
A यानी Arms (एक हाथ या पैर कमजोर होना),
S यानी Speech (बोलने में कठिनाई),
और T यानी Time (एक भी लक्षण दिखे तो समय बर्बाद न करें, तुरंत अस्पताल पहुंचें)।
डॉ. वाजपेयी ने कहा कि ‘गोल्डन आवर’ यानी पहले 4 से 5 घंटे के भीतर इलाज मिलने पर मरीज की 90 प्रतिशत तक रिकवरी संभव है। उन्होंने बताया कि उदयपुर जैसे शहरों में अब आधुनिक न्यूरो सुविधाओं से लैस अस्पताल — जैसे पैसिफिक मेडिकल कॉलेज — ऐसी आपात स्थितियों में मरीजों को समय पर इलाज देकर सैकड़ों लोगों की जान बचा रहे हैं।