दीपावली की रात दहशत में बदली—ओवरफुटब्रिज से नीचे जा रहे लोगों पर सुतली और रस्सी बम फेंके, महिला घायल, वीडियो वायरल

उदयपुर। दीपावली की रात जब पूरा शहर रोशनी से नहाया हुआ था, जब हर गली-कूचे में दीप जल रहे थे और लोग एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे थे, उसी वक्त शहर के पुराने इलाके लाल घाट क्षेत्र में कुछ शरारती तत्वों की हरकतों ने त्योहार की खुशियों को दहशत में बदल दिया।

जानकारी के अनुसार, लाल घाट स्थित ओवरफुटब्रिज के ऊपर कुछ युवकों ने नीचे सड़क पर गुजर रहे लोगों पर सुतली बम और रस्सी बम जैसे खतरनाक पटाखे जलाकर फेंक दिए। तेज धमाकों की आवाज से वहां अफरा-तफरी मच गई। अचानक हुए धमाकों से एक महिला घायल हो गई, जबकि बाकी लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे।

मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ। हर साल दीपावली के मौके पर कुछ असामाजिक तत्व इस तरह की खतरनाक शरारतें करते हैं। लेकिन इस बार मामला ज्यादा गंभीर इसलिए माना जा रहा है क्योंकि घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। वीडियो में कुछ युवक ओवरब्रिज से नीचे राहगीरों पर पटाखे फेंकते नजर आ रहे हैं, जबकि नीचे से गुजर रहे लोग जान बचाने के लिए भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह हरकत न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी है। दीपावली खुशियों का त्योहार है, डर फैलाने का नहीं। लोगों ने मांग की है कि पुलिस ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

घटना के बाद क्षेत्र में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई और अब सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। पुलिस का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और वीडियो के आधार पर उनकी पहचान की जा रही है।

लाल घाट क्षेत्र हमेशा से अपनी सांस्कृतिक विरासत और सौहार्द के लिए जाना जाता है, लेकिन इस तरह की घटनाएं शहर की छवि पर सवाल खड़े करती हैं। दीपावली अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है, लेकिन जब त्योहार की आड़ में इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतें सामने आती हैं, तो यह समाज के लिए चेतावनी है कि उत्सव मनाने की सीमाएं और जिम्मेदारियां दोनों समझनी होंगी।

लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी खतरनाक हैं। त्योहारों की भावना को बनाए रखना सिर्फ प्रशासन का नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है।

उदयपुर जैसे शांत और सौहार्दपूर्ण शहर में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए समाज को भी सजग और जिम्मेदार बनना होगा। आखिर दीपावली का असली संदेश यही है—अंधकार पर प्रकाश की जीत, न कि डर और दहशत का साया।

आपके लिए हालिया खबरें