रिपोर्टर- मोहम्मद यासर
उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र में शुक्रवार को हालात उस वक्त तनावपूर्ण हो गए, जब सड़क हादसे में एक युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने उग्र रूप ले लिया। बरवाड़ा हाईवे 162 ई पर सादड़ा गांव के पास गुरुवार सुबह हुए इस हादसे ने शुक्रवार को हिंसक रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों के आक्रोश के चलते करीब आठ घंटे तक हाईवे जाम रहा, जिससे कुंभलगढ़ और हल्दीघाटी की ओर जा रहे पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

मामला गुरुवार सुबह का है, जब कटार गांव निवासी 35 वर्षीय मजदूर अंबालाल गमेती सड़क पार कर रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार से आ रही कार ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि अंबालाल की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। मृतक की मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। लोगों ने गुस्से में मृतक का शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया और मुआवजे की मांग पर अड़ गए।
करीब आठ घंटे से ज्यादा समय तक ग्रामीण हाईवे पर डटे रहे। पुलिस के कई बार समझाने के बावजूद वे शव को सड़क से हटाने को तैयार नहीं हुए। इस दौरान गोगुंदा, सायरा और केलवाड़ा थानों का भारी पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात किया गया। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, भीड़ और आक्रोश बढ़ता गया।
स्थिति उस समय बिगड़ गई जब पुलिस ने शव को हटाने का प्रयास किया। तभी ग्रामीणों ने अचानक पुलिस दल पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव इतना तीव्र था कि पुलिस के करीब आधा दर्जन वाहनों के शीशे टूट गए। स्थिति को काबू में करने के लिए जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया, तो ग्रामीण पहाड़ों की ओर से भी पत्थर फेंकने लगे। माहौल तनावपूर्ण होता देख पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
इस झड़प में सायरा थाने के एएसआई भंवर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर में चोट आई है। गोगुंदा थाने के कांस्टेबल राकेश मीणा और महिला कांस्टेबल भावना डांगी भी घायल हुए हैं। सभी को तत्काल गोगुंदा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
ग्रामीणों की मांग है कि मृतक अंबालाल के परिजन को उचित सरकारी मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। घटना की सूचना मिलते ही उच्च पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और हालात पर निगरानी रखी जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गोगुंदा क्षेत्र में अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। आसपास के गांवों से ग्रामीण मौके पर पहुंच रहे हैं, जिससे प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है। पुलिस ने अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और सहयोग करें ताकि माहौल सामान्य किया जा सके।
गौरतलब है कि यह इलाका ट्रैफिक हादसों के लिए पहले से संवेदनशील माना जाता है। तेज रफ्तार वाहनों और उचित सड़क सुरक्षा इंतजामों की कमी के चलते यहां इस तरह की घटनाएं अक्सर घटित होती रही हैं। इस बार हादसे के बाद जिस तरह से स्थिति हिंसक रूप में बदल गई, उसने प्रशासनिक सतर्कता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
फिलहाल पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार मौके पर डटी हुई है और बातचीत के जरिए मामला शांत कराने की कोशिश की जा रही है। हालांकि ग्रामीणों का गुस्सा और लंबा जाम अब पूरे इलाके के लिए सिरदर्द बन चुका है।